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Showing posts from February, 2018
आज फिर तुझे पाने की चाह है,  आंखों में अपनी बसा लेने की चाह है,  तू माने या ना माने ये दिल जानता है, फिर तुझमें समा जाने की चाह है... ..... नेहा अग्रवाल
या रब डाल दे सारी खुशियां उसकी झोली में मेरे हिस्से की भी, कि फिर कभी दर्द से वो गुज़र ना पाए... ..... नेहा अग्रवाल
कैसे मैं कह दूं कि मुझे प्यार का एहसास नहीं है, ये ओर बात है मेरे हाथों की लकीरों में तेरा साथ नहीं है.... ....... नेहा अग्रवाल